ज़िंदगी छोटे-छोटे लम्हों को जोड़कर बनी है, बीते लम्हे लौटकर नहीं आते और हर लम्हा अपने आप में बेहद ज़रूरी है। इन्हीं पलों और लम्हों को शायरों ने कुछ यूं बयां किया है।
Top Lamha Shayari | New Lamha Status ढून्ढ रहे हे मगर नाकाम रहे अब तक , वो लम्हा जिस मैं तू याद न आया हो..!! lamha shayari in Hindi मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा… मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा… Haseen Lamha Shayari जलने दो ज़माने को चलो एक साथ चलते हैं, नयी दुनिया बसाने को चलो एक साथ चलते हैं, हमें जीवन का हर लम्हा तुम्हारे नाम करना है, यही वादा निभाने को चलो एक साथ चलते हैं। एक उम्र है जो तेरे बगैर गुज़ारनी है, और एक लम्हा भी तेरे बगैर गुज़रता नही… दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे, यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे, वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का, और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे। लाख बंदिशें लगा ले दुनिया हम पर, मगर हम दिल पर काबू नहीं कर पाएंगे, वो लम्हा आखिरी होगा जीवन का हमारा, जिस दिन हम यार तुझको भूल जायेंगे। Lamha Romantic Shayari मेरी ज़िन्दगी में एक ऐसा शक्श भी है, जो मेरी पूरी ज़िन्दगी है और मै उसका एक लम्हा भी नही… यादें करवट बदल रही हैं और मैं तनहा तनहा सा हूँ, वक़्त भी जिससे रूठ गया है मैं वो बेबस लम्हा हूँ। मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया….. Haseen Lamhe Shayari इस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता, तू दूर भी रह कर के यूँ पास नहीं होता, इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसाली है, एक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नहीं होता। मैं वक़्त बन जाऊं, तू बन जाना कोई लम्हा… मैं तुझमे गुज़र जाऊं, तू मुझमें गुज़र जाना… Copy Text तेरी आवाज़ सुनने को तरश्ता है दिल मेरा, तेरी एक झलक पाने को बेकरार है दिल मेरा, अपनी ज़िन्दगी का हर लम्हा तेरे साथ गुज़ारू, हर पल बस यही चाहता है दिल मेरा। Copy Text Lamha Shayari Urdu क्या बताऊँ कैसे खुद को दर-ब-दर मैंने किया, उम्र भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया, तू तो नफरत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ, जिस बला का प्यार बेखबर तुझसे मैंने किया। Copy Text अगर जिंदगी में जुदाई ना होती; तो कभी किसी की याद आई ना होती; साथ ही गुजरता हर लम्हा तो शायद; रिश्तों में इतनी गहराई ना होती।!!!! Copy Text मेरा हर लम्हा चुराया आपने, आँखों को एक ख्वाब देखाया आपने, हमें ज़िन्दगी दी किसी और ने, पर प्यार में जीना सिखाया आपने. Copy Text Akhri Lamha Shayari अकसर गुमसुम रहने वाला नग्मा हूँ मैं, आपकी यादो में रहने वाला लम्हा हूँ मैं, आप मेरी जान हो तो एक बात बताओ, आपके होते हुए भी क्यों तन्हा हूँ मैं। Copy Text याद जब आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं, देख कर साया तुम्हारा अब तो डर जाता हूँ मैं, अब न पाने की तमन्ना है न खोने का डर, जाने क्यूँ अपनी ही चाहत से मुकर जाता हूँ मैं। Copy Text जरा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती, भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता, वो ना आती मगर इतना तो कह देती कि आँऊगी, सितारे, चाँद, सारा आसमान राहों में बिछा देता। Copy Text कैसे कहें कि आपके बिन यह ज़िंदगी कैसी है, दिल को हर पल जलाती यह बेबसी कैसी है, न कुछ कह पाते हैं और न कुछ सह पाते हैं, न जाने तक़दीर में लिखी यह आशिकी कैसी है। Copy Text वो मेरे पाँव को छूने झुका था जिस लम्हे जो माँगता उसे देती अमीर ऐसी थी Copy Text वो लम्हा भर की कहानी कि उम्र भर में कही अभी तो ख़ुद से तक़ाज़े थे इख़्तिसार के भी हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद न कर दे तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर Lamha Status in Hindi गर सुकूँ चाहिए इस लम्हा-ए-मौजूद में भी आओ इस लम्हा-ए-मौजूद से बाहर निकलें गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ, प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करता हूँ, यहाँ पर लोग गिनाते है खूबियां अपनी, मैं अपने आप में कमियाँ तलाश करता हूँ। लम्हा लम्हा रोज़ सँवरने वाला तू लम्हा लम्हा लम्हा रोज़ बिखरने वाला मैं - जावेद अकरम फ़ारूक़ी ये लम्हा लम्हा तकल्लुफ़ के टूटते रिश्ते न इतने पास मिरे आ कि तू पुराना लगे - ज़ुबैर रिज़वी विज्ञापन लम्हा-दर-लम्हा गुज़रता ही चला जाता है वक़्त ख़ुशबू है बिखरता ही चला जाता है - तनवीर अहमद अल्वी दौलत-ए-अहद-ए-जवानी हो गए चंद लम्हे जो कहानी हो गए - फ़रहत कानपुरी साफ़ जज़्बों के हवाले से तो ग़म हैं लेकिन एक लम्हे की ख़ुशी एक सदी रहती है - ज़फर इमाम कितने आलम गुज़र गए मुझ पर तुम को सोचा था एक लम्हे को नील अहमद एक लम्हे को तुम मिले थे मगर उम्र भर दिल को हम मसलते रहे - अर्श सिद्दीक़ी कैसा लम्हा आन पड़ा है हँसता घर वीरान पड़ा है - बक़ा बलूच ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को अपने अंदाज़ से गँवाने का - जौन एलिया ये लम्हा लम्हा ज़िंदा रहने की ख़्वाहिश का हासिल है कि लहज़ा लहज़ा अपने आप ही में मर रहा हूँ मैं - मुशफ़िक़ ख़्वाजा बड़ी मुश्किलों से काटा बड़े कर्ब से गुज़ारा तेरे ब'अद कोई लम्हा जो मिला कभी ख़ुशी का - एहसान दरबंगावी किसी को याद करने के नहीं मख़्सूस कुछ लम्हे कोई जब याद आ जाए तो फिर वो याद आता है - नील अहमद
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